ก้าวเข้าสู่โลกแห่งเรื่องราวอันไม่มีที่สิ้นสุด
4.6
ศาสนา&จิตวิญญาณ
यह है वह नियम—‘मैं वह हूँ जैसा मैं अपने विषय में महसूस करता हूँ।’ ‘मैं’ की भावना को हर दिन इस कथन के साथ बदलने का अभ्यास करें—‘मैं आत्मा हूँ। मैं ईश्वर रूपी आत्मा के रूप में सोचता, महसूस करता, और जीता हूँ।’ (आपके भीतर का दूसरा मैं प्रजाति मन के रूप में सोचता, महसूस करता और कार्य करता है।) जब आप ऐसा लगातार करते हैं, तब आप स्वयं को ईश्वर के साथ एकाकार महसूस करते हैं। जिस प्रकार सूर्य धरती को अंधकार और निराशा से मुक्ति दिलाता है, उसी प्रकार आपके भीतर ईश्वर की उपस्थिति का अहसास आपके अंदर के उस व्यक्ति को बाहर लाएगा, जैसा आप बनना चाहते हैं—आनंदमय, उज्ज्वल, शांतिपूर्ण, संपन्न और सफल व्यक्ति, जिसका विवेक परमात्मा से प्रकाशित है। अपने आत्मविश्वास, जिजीविषा और स्वप्रेरणा को जाग्रत् करनेवाली पठनीय प्रेरक पुस्तक।.
© 2020 Storyside IN (หนังสือเสียง ): 9789389860436
ผู้แปล : Shweta Bhatt
วันที่วางจำหน่าย
หนังสือเสียง : 28 มีนาคม 2563
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